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Sunday, February 11, 2018

Samander pe gye Lekin Avi Sabnam Piyaase h Hindi Shero-shayari (Best 100 Shayari 2018)

समंदर पी गए लेकिन अभी शबनम के प्यासे हैं 

देते हैं सब आवाज़ उसे लेके तेरा नाम
तन्हाई के वजूद को पहचान मिल गयी
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मुहब्बत बहुत थी दिल में
बहुत नुकसान उठाया हमने

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कौन कब अलविदा कह कर निकल ले
अकेले रहने का हुनर सीख लिया यूं हमने
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खुद से खफा होने की हद है
साँसों तक की इक सरहद है
किससे पूछें कौन बताये
जीने मरने की क्या हद है.
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अब मुहब्बत की गुंजाएश कम है
अगर ये सितम है तो सितम है.
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एक रात बन गयी सबब रुसवाई का
अंधेरा था क्या कसूर था परछाई का.

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दिल धड़कने का तस्सवुर ही खयाली हो गया
एक तेरे जाने से सारा शहर खाली हो गया
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समंदर पी गए लेकिन अभी शबनम के प्यासे हैं
वो अपने घर में ही बैठें जिन्हे देने दिलासे हैं.
मौहब्बत के भरम टूटे, वफादारी के गुर छूटे
अब इन साँसों के चेहरों  पर तकाजों के मुहासे हैं

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अपना खुद से राबता तोड़ कर देखो
कश्ती को तूफानों में मोड़ कर देखो

साहिल बने रहने मे कोई लुत्फ नहीं है
गेहराइयों से अपना नाता जोड़ कर देखो

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