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Sunday, December 16, 2018

प्रेम दीवानी, Love Attraction Hindi Story on LuvShyari



“मुझे पूरा यकीन हैहमारी मारिया चैलेन्ज जीतेगी. आजकल फ़ाल का सीज़न हैज़रा चारों तरफ नज़र डालो, पेड़ों की पत्तियां इस मौसम में कितने रंग बदल रही हैंपीलीलालनारंगीकत्त्थई पत्तियाँ क्या खूबसूरती में फूलों से कम हैं?ये नज़ारा कितना ब्यूटीफुल हैमारिया.”अहमद ने सच कहा था. फ़ाल-सीजन में पेड़ों की पत्तियों के बदलते खूबसूरत रंग देखना एक दर्शनीय नज़ारा होता है.
शॉप के पीछे फूल रखने के लिए खाली जगह में मारिया पत्तियां बिखरा कर बैठ गई. मारिया ने एक से रंगों वाली और एक साइज़ वाली पत्तियां अलग कर लीं. कुछ देर सोचने के बाद उसके दिमाग में जैसे तस्वीर बन गईकैंची से पत्तियों को अलग-अलग शेप में काट कर मारिया ने जैसे फूलों से गुलदस्ते बनाती थी वैसे ही पत्तियों के रंगोंआकार और शेप से एक नायाब गुलदस्ता बना डाला. लाल,पीलीनारंगी. सुनहरी और बीच-बीच हरी पत्तियों से सज्जित बुके दर्शनीय बन पडा था. इस नायाब  गुल्दास्ते को देख कर अहमद चहक उठा.
“तब मेरी उम्र बस नौ साल की थीपर मम्मी ने अपने नए पति की आँखों में ना जाने क्या देखाबस मुझसे कहातुझे ले जाने में खतरा हैमेरा नया पति तेरा पापा नहीं बन सकता. मम्मी के साथ जाने के लिए बहुत रोईपर वह मुझे चर्च के फादर के पास छोड़ कर चली गई. कितनी रातें मम्मी की याद में रो-रो कर काटींफादर ने मुझे सहारा ज़रूर दियापर आज भी मम्मी की जगह खाली ही रही.’मारिया की पलकें भीग गई थीं
 “चर्च में प्रेयर और दूसरे फंक्शन्स में सजाने के लिए मै फूलों के तरह-तरह के गुलदस्ते बनाया करती थी..बचपन से ही फूलों से मुझे बहुत प्यार था. हमारी फ़्ळॉरिस्ट शॉप का वृद्ध मालिक बॉब मेरे बनाए बुके बहुत पसंद करता था.उसने जब मुझे अपनी शॉप में जॉब का ऑफ़र दिया तो स्वीकार करने में देर नहीं की. अब तो बॉब ने मेरी ज़िम्मेदारी पर शॉप का काम देखना छोड़ ही दिया है. मुझे अपनी  बेटी की तरह प्यार करता है.’मारिया का चेहरा गर्व मिश्रित खुशी से जगमगा रहा था.
“मीरा हमारे कृष्ण भगवान् के लिए प्यार और भक्ति का नाम है. कृष्ण के प्रेम में मीरा ने सारे सुखअपना महल. राजा पति सब छोड़ दिया. मन्दिर में कृष्ण के लिए गाती और नाचती थी. आजकल यहाँ “मीरा” फिल्म लगी हैतुम्हें फिल्म दिखाने ले चलूँगा. फिल्म में अंग्रेजी के सब टाइटिळ्स हैं तुम समझ सकोगीमीरा की कहानी देख कर कर उसका सच्चा प्रेम समझ सकोगी.”
“उसका नाम मीरा ज़रूर थापर उसमें मीरा जैसी कोई बात नहीं थी. उसे मुझसे नहींपैसों से प्यार थामुझे अकेला छोड़ कर मेरे एक अमीर दोस्त के साथ चली गई. मै पूरी तरह से टूट गया थापर तुमसे जब से मिला हूँमुझे लगता है तुम में मीरा की सादगी है. शायद इसीलिए आज अचानक मेरे दिल ने तुम्हें मीरा पुकारा हैपर डरता हूँ कहीं ये नाम तुम्हें दूर ना ले जाए .”
मारिया को उसके छोटे से कमरे में छोड़ कर जाने के बाद मारिया विनी के बारे में सोचती रही. विनी ने किसी को प्यार किया,पर उसे प्यार के बदले में धोखा मिला. कैसे उसने अपने को सम्हाला होगा.कौन थी वो लड़की जिसने विनी जैसे अच्छे इंसान को धोखा दिया. विनी के मन को मुझ में मीरा दिखाई दीक्या मै मीरा बन सकती हूँमेरे लिए वह कितना सोचता हैकाश उसकी मदद कर पाती. अपने सोच को झटक मारिया सोने की कोशिश करती रहीपर विनी का उदास चेहरा बार-बार आँखों के सामने आ जाता. नहीं वह विनी को कभी धोखा नहीं दे सकती.
मारिया भी अब विनी के साथ सहज हो गई थी. कभी एक दिन विनी ने मारिया को अपने घर और माँ-बाप के विषय में भी बताया था. केरल में नारियल और केले की हरियाली से घिरा हुआ उसका घर है. विनी उनका एकलौता बेटा हैउसकी अम्मा सामान्य गृहिणी हैपर उसके् पापा हिन्दी और संस्कृत के ज्ञाता हैं विनी ने भी हिन्दी उन्हीं की प्रेरणा से सीखी है.
“अम्मा-अक्का को अपने साथ लाने की कोशिश कर रहा थापर वो अपना घर छोड़ कर आने को तैयार नहीं हुए. जानती हो इंजीनियरिंग के बाद जब मै ने अपनी कम्पनी की तरफ से अमरीका में पोस्टिंग लेने की बात कही तो अम्मा मुझे आने ही नहीं देना चाहती थींपर मेरी इच्छा और मेरे भविष्य के बारे में सोच कर अक्का ने किसी तरह से अम्मा को मनाया था.”विनी के चेहरे पर यादों की छाया थी.
समय पंख लगा कर उड़ रहा था. मीरा ने सिर्फ साड़ी पहिनना ही नहीं सीखा इन्डियन डिशेज़ भी बनानी सीख ली थीं. अपने विनी की खुशी के लिए वह हर संभव प्रयास करती. विनी के ऑफिस से आने के पहले वह सब काम समाप्त कर के विनी की प्रतीक्षा करती. विनी आते ही उसे अपनी सबल बांहों में भर लेता. मीरा का रोम-रोम खुशी से नाच उठता.अब मीरा को ज़िंदगी से बेहद प्यार हो गया था..उसकी मीठी आवाज़ गीत गुनगुनाने लगी थी. घरके बाहर रंग-बिरंगे फूल मुस्कुराते. एक साल बीतने आ रहा थापर विनी से बार-बार कहने पर भी वह इंडिया जाने को उत्सुक नहीं था. हमेशा काम का बोझ उस पर रहता.
मीरा को आश्वस्त कर विनी इंडिया चला गयाजाते समय चितित मीरा उसका फोन नम्बर भी लेना भूल गई. जाते-जाते विनी ने वादा किया वह उसे इंडिया पहुँच कर फोन करता रहेगा. उसका घर केरल के एक विलेज में हैवहां इंटरनेट की सुविधा नहीं हैइस लिए शायद फोन भी देरी से कर पाएगा. वैसे जल्दी ही विमी उसे अपने घर ले जाएगा. केरल की सुन्दरता देख कर मीरा अमरीका भूल जाएगी. मीरा के माथे पर चुम्बन अंकित कर विनी चला गया था.
खबर मिलते ही अहमद आ गया. जिस नंबर से फोन आया थाअहमद द्वारा उस नंबर पर फोन लगाने से पता लगा वो किसी पी सी ओ का नंबर था. मीरा बेहाल थी. विनी के साथ रहने पर भी उसने कभी ना तो विनी की अमरीकी कम्पनी का नाम पूछा ना उसके केरल के घर का पता उसके पास था. उसके लिए बस विनी का साथ ही उसका संसार था. यहाँ तक कि उसने विनायक का सरनेम भी कभी नहीं जानना चाहा. एक बार पूछने पर विनी ने हंस कर कहा था-
ये कैसा संयोग थाआज नीता जी जिस टैक्सी में बैठी हैं उसकी ड्राइवर विनायक मूर्ती के धोखे की शिकार है. उस धोखेबाज़ के झूठे प्यार को सच्चा प्यार मान कर अपने दिल में उसे बसाए बैठी है. यहाँ तक कि उसके पेरेंट्स से उनके पोते को मिलाने के लिए बेचैन है. नहींविनायक तुम्हें इस धोखे की भरपाई करनी ही होगी. मीरा को उसका अधिकार दिलाना ही होगापर कैसेकितनी चालाकी से उसने शादी का कोई गवाह या सबूत नहीं छोड़ा है. नीता जी ने पक्का निश्चय कर लिया. विनायक को सज़ा दिलाए बिना नहीं छोडेंगी. कुछ सोच कर शांत स्वर में उन्होंने कहा-
“मुझे कहना हैजो तुम्हारी ज़िंदगी से चला गयाउसे भुला देने में ही समझदारी है. अब तुम्हें अपने बेटे के भविष्य की चिंता करनी चाहिए. उसे खूब पढ़ा-लिखा कर एक योग्य इंसान बनाना तुम्हारा फ़र्ज़ है. तुम्हारे सामने अभी बहुत लंबी ज़िंदगी है,अगर राह में कोई अच्छा जीवन साथी मिल जाए तो उसे स्वीकार कर लेना क्योंकि हो सकता है बड़ा होने पर तुम्हारे बेटे को पापा की कमी महसूस हो.”
“नहीं, बिलकुल नहींतुम्हारी स्थिति अलग है. मीरा ने विवाह नहीं किया थाउस पर उसकी संतान की ज़िम्मेदारी नहीं थी,एक बड़ी बहिन की तरह तुम्हें सलाह दी है. तुम मेरी बात पर गंभीरता से सोचना. कोशिश करूंगी अगर विनायक का पता मिल सका तो उसके बेटे के लिए जो सहायता करा सकी ज़रूर करूंगी.”दृढ निश्चय के साथ नीता जी ने मन में निर्णय ले लिया था.

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