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Saturday, May 13, 2017

Dard Shayari on Night by Jot Chahal


तेरे बिना हर एक रात हम पे भारी है,
करवटें बदल बदल के हमने रात गुजारी है।
खवाबो ने तो रुखसती ले ही ली थी,
अब नींद तुम्हारी बारी है।
एक तुम्हारे इंतजार में पलकों पे सितम जारी है,
आज तो कट गयी अब कल की तैयारी है।
Jot chahal

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