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Saturday, February 17, 2018

Best Rajasthani Love shayari of 2018






सावण बरस्यो भादूड़ों बरस्तो जाय रह्यो
आप बैठा हो परदेश में पिवजी
थारी याद में म्हारो जीवडो तड़फ रह्यो
क्यूँ बैठा हो दूर परदेश में पिवजी
थास्यु मिलण न मनड़ो तरस रह्यो
नजरो से नजर मिलाकर कर तो देखो
दिल में छुपा प्यार नजर आएगा
क्यों रहती हो गुस्से में कभी प्यार से तो देखो
फिर रात को सपने में भी यार नजर आएगा
नन्हें से दिल में अरमान कोई रखना ,
दुनियाँ की भीड़ में पहचान कोई रखना ,
अच्छे नहीं लगते जब रहते हो उदास ,
इन होठों पे सदा मुस्कान वही रखना .
सजधज चाल्यी गौरड़ी ,
जद नैणा मुलकाय !
गरियाळा की मौरणी ,
रुणझुण करती जाय !
कजरारा नैणा सूँ या ,
चोखा हुकुम चलाय !
सगळा रो दिल जोर सूँ ,
अब तो धड़क्यो जाय !
मनड़ै की या बादळी ,
प्रीत उफणती जाय !
बादलियै रा मनड़ा नै ,
अब चोखो धड़काय !
नैण बस्यी या कामणी ,
मनड़ा नै भरमाय !
एक इसारो देकर वा ,
जोबन नै तरसाय !
खनखन करती चूड़ियाँ ,
या खन खन खनकाय !
बादलियै रा मनड़ै मेँ
प्रीत उफाणै आय !

सज-धज बैठी गोरड़ी, कर सोल्हा सिणगार ।
त र सै घट रो मोर मन, सोच -सोच भरतार ।|
नैण कटारी हिरणी, बाजूबंद री लूम ।
पतली कमर में खणक रही, झालर झम-झम झूम ।|
माथे सोहे राखड़ी, दमके ज्यों रोहिड़ा रो फूल।
कानां बाटा झूल रह्या , सिर सोहे शीशफूल। ||
झीणी-झीणी ओढ़णी,पायल खणका दार ।
बलखाती चोटी कमर, गर्दन सुराहीदार ||
पण पिया बिना न हो सके पूरण यो सिणगार |
पधारोला कद मारुसा , था बिन अधूरी नार ।|
सखी- साथिन में ना आवडे., ना भावे कोई कोर ।
सासरिये में भी ना लगे, यो मन अलबेलो चोर ||
अपणो दुःख किण सूं कहूँ , कुण जाण म्हारी पीर ।
अरज सुण नै बेगा आवो, छोट की नणंद का बीर ||
मरवण था बिन सुख गयी, पिला पड़ ग्याँ गात ।
दिन तो फेर भी बितज्या, या साल्ल बेरण रात ।
तन्हाई में जी रही हूँ आपकी याद में आंसू बहा रही हूँ
कब आवोगे पिया जी आपका इंतजार कर रही हूँ
माना की कुछ दिलो में नफरत होती है
पर हर दिल में कोई हसरत होती है
इंसान उस के आगे क्यों मजबूर हो जाता है
जिस से उसे बेपनाह महोब्बत होती है......
न जाने किस गली में ...
तू खड़ी है ...
एक सुबह बन कर...
न जाने किस मोड़ पर ...
इंतज़ार खड़ी है ...
एक शाम बन कर ...
न जाने किस आसमां में...
चाँद खिला है ...
एक ज़िंदगी बन कर ...
न जाने किस शहर में...
हम भटके हुए हैं ...
एक मुसाफिर बन कर ...
जद याद आवै ढोला थारी मीठी मीठी बतिया
नींद कोनी आवै जी कैसै कटे रतिया
जद याद आवै ढोला थारी मीठी मीठी बतिया
हिवडो रोवै म्हारो छलक जावै म्हारी अँखिया ....
दिल टूट जाता है पर खनक नही होती
हर धडकन रोती है पर पलक नही रोती
मोहबत नाम है खुदा की बंदगी का
जो शरतो मे मिले वो मोहबत नही होती.
याद करके उसको दिल से भूलना मुश्किल था
वो सैलाब पलकों में रोक पाना मुश्किल था
आसान लगा उसे याद कर के मर जाना
क्योकि भूल के उसको जी पाना मुश्किल था
मुखडो थारो चमके ज्याणु आभा म चमके चंदा की चांदनी
नजर ना हटे थारे मुखडे से गौरी सुरत थारी मनमोवणी
हिवडे से लगा राखस्यु थाने बनास्यु म्हारे हिवडे की राणी
एक बार हाँ कर दे बावली नाम थारे कर देस्यु मेरी जिन्दगाणी..........
अधराती करू पुकार पिवजी कद तो सुण ले मेरली
ठंडी रात चांदनी छत पर बैठी हूँ पिया एकेली
पिवजी बैठा परदेसा मे घर बिलखु एकेली
क्यू होग्यो पथर दिल के करडी मन म सोचली
सावणियो सुरंगों बीत गयो फीको रह गया पिवजी तीज रो त्यौहार
झिरमीर झिरमिर मेंहो बरसे पिवजी चाले ठंडी पवन बहार
हूक सी उठे कालजीए जीवडो तड़फे पिवजी नैणां बरसे नीर
कदे तो सोच ले बैरी बालमा घर उडीके थारी घर नार
उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,
नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है,
अपनी हँसी को होंठों से न जाने देना,
क्योंकि आपकी मुस्कुराहट से मेरी जिंदगी जुडी है
वो मेहँदी वाले हाथ आपके कातिल थी मुस्कान आपकी
रंग रूप मनभवणो मस्त थी चुड़ले की खनक आपकी
महर कुदरत की आप पर बात छु गई दिल को आपकी
मर गयो छोरो थारे पर हरदम आवै याद आपकी
झुकी रहने वाली नजरे आज क्यों सवाल पूछ रही ह
पूज्नीय नारी आज क्यों भरे बाजार में लुट रही है
दोष दे रहे है हम आज बेशर्म जमाने को
पर अपनी गिरेहबान में झांकने की फुर्सत नहीं है
इंतजार कर रही अंखिया देखण ऐसो नजारो
झीम-झीम पडे फुहार ठंडो चालै बायरो
कोनी सही जायै गर्मी सुरज देवता
बरस जावो ईन्दर् देवता सुन ल्यो हेलो म्हारो.......
छाछ-राबड़ी, कांदो-रोटी, ई धरती को खाज।
झोटा देवै नीम हवा का, तीजण कर री नाज।।
पकी निमोली लुल झाला दे, नीम चढ़डी इठलावै।
मन चालै मोट्यारां का, जद टाबर गिटकू खावै।।
लूआ चालै भदै काकड़ी, सांगर निपजै जांटी।
कैर-फोगलो बिकै बजारां, वाह मरुधरा री माटी
रांभै गाय तुड़ावै बाछो, छतरी ताणै मोर।
गुट्टर-गूं कर चुगै कबूतर, बिखरै दाणा भोर।।
झग्गर झोटा दे' र धिराणी, बेल्यां दही बिलोवै।
फोई खातर टाबर-टोली काड हथेली जोवै।।
टीबां ऊपर लोट-पलेटा, अंग सुहावै माटी।
ल्हूर घालरी कामण गार्यां, वाह मरुधरा री माटी ।
रोही को राजा रोहीड़ो, चटकीलै रंग फूल।
मस्तक करै मींझर की सोरम, लुलै नीमड़ा झूल।।
गुड़-गुड़ करतो हुक्को घूमै, घणी सुहाणी रातां।
सीधा सादा लोग मुलकता, भोली भोली बातां।।



सुबह शाम मंदिर में जाऊ पिवजी जोडू दोनूं हाथ
सुन ले सांवरिया अर्ज मेरी करवा दे म्हारो मिलाप
झुर झुर रोऊँ पियाजी जद याद आवै थारो साथ
नैणा बरसे नीर 'बुलिया' हिवड़ो करे विलाप
दिन तो कट जावै पिवजी पण तड़फु सारी रात
ना जाणे कद आवसी "बुलिया"खुशियां वाली रात
मिल बैठ बतलास्या अपने मनड़े री बात




सर्दी की ठंडी रात में रजाई में भी सर्दी लगती होगी
सोचा है कभी आपने उन सैनिको के बारे में
बर्फ की पहाड़ियों पर उनकी रात कैसे गुजरती होगी



चन्दा थारे चांदणे बैठी करू पिवजी का इंतजार
मिलादे मनड़े रो मीत करू थारी मनुहार
हूक सी उठे कालजे में अंखिया बहावे नीर
अब तो आ जाओ पियाजी बिलखे है थारी नार



कब तक बाट जोहती रहूँ साहिबजी अब तो आ गयो होली रो त्यौहार
रंगा रो त्यौहार होली पिवजी फीको पडतो जाय म्हारो सिणगार
तरसे है नैण देखण थान कदे तो बरसाओ साहिब जी फागण में सतरंगी प्यार
अबके तो आवज्यो होली न निरखण गोरी रो सिणगार

आँसु भरी अँखिया मेरी साहिब जी जद देखु दर्पण म
थारी ही सूरत नजर आवै जीवडो तड़फे प्यार अर्पण न


रंग रंगीली नार कर रही है इंतजार
आ जाओ पिवजी आयो है रंगा रो त्यौहार
मीठी मीठी बाता करस्यु सुनास्यु फाग मल्हार
फीको जावे फागणियो पिवजी तरसे है थारी घर नार


झीर मीर झीर मीर मेहो बरसे
साजन से मिलणे गोरी तरसे
हूक सी ऊठे कालजै मे नैणा नीर बरसे
सुण ल्यो पिवजी मनडे री बात
गोरी रा नैण थ्हाने देखण तरसे.........


गोरे गोरे हाथ गोरी
प्यारी प्यारी मेहंदी की कलाकारी
परदेशा की काली रात मे आवै थ्हारी याद गोरी
जिवडो घुट घुट रोवै आँख्या भर आवै म्हारी..

रूप रो सिन्गार पवजी थ्हारे बिन बिरंगो
जेठ की दोपहरी पिवजी जलावै कालजो
तावडै का दिन तो कट जास्यी पिवजी
पण सावण की तीज्या नै तो आया रहिज्यो.....


दिल के करीब हो कर भी दूर हो गये
हसीन ख्वाब मेरे चूर चूर हो गये
हमने वफा निभायी तो रूसवाईया मीली
और वो बेवफा हो कर भी मशहूर हो गये...




कश्ती बहती है किनारे की तलाश मे
लोग तडपते है प्यार की तलाश मे
हम रोज नही मिलते आपसे
मगर कुछ तो वक्त गुजारते है आपकी याद मे..



समझ सका न कोई मेरे दिल को !
ये दिल यूँ ही नादान रह गया !!
मुझे कोई गम नहीं इस बात का !
अफसोस हैं की मेरा यार भी मुझसे अंजान रह गया


तारा छाई रात पीवजी मनडो हो रह्यो है उदास
तरसे है हिवडो म्हारो बरसे म्हारी आंख
सपना म क्यु तरसाओ आ जाओ म्हारे पास
कई दिन हो गया पिया जी देख्या थान्
अब तो दर्शन दो पिवजी बुझाओ म्हारी आंख्या री प्यास


उडिके बैठी सेजा गोरडी कर सोलह सिन्गार
ढल गई आधी रात कद आस्यौ थ्है भरतार
मत तडपाओ पिवजी बिलख रही थारी घरनार....


तारा छाई रात बिखर रही चंदा थारी चांदनी
आवै थारी याद पिवजी रोवै थारे मनडे की मोरनी
अबके ले जाइये साथ पिवजी बात म्हारी मानणी
छुप छुप रोऊ पिवजी कद आसी रात सुख पावणी......


दिल री बात मुझको बताकर तो देख ल्यौ,
जज़्बातो को होठों पर लाकर तो देख ल्यौ;
एक पल माय म्हारो दिल हो जावेगौ आपरो,
सिर्फ एक बार अपणा प्यार जता कर देख ल्यौ..!!


मेहंदी रची जोरकी पिवजी पण थ्हारे बिन किसको दिखाऊ
हिवड़ो है उदास थ्हारे बिन पण कब तक इसको समझाऊ
दिन तो गुजर जावै है काम काज म पण रात कैसे बिताऊ
कदै तो समझो पिवजी बात म्हारे मन की कद तक थ्हाने समझाऊ


आई याद आपकी तो आँखिया मेरी बरस गई..
एक झलक देखने को मेरी नजरे तरस गई
किया था जो सिंगार आपको रिझाने के लिये
वो आपकी यादो की बरसात बहा ले गई
कब तक तड़पाओगे मेरे हमसफर
आपकी यादो मे मै पत्थर बन गई....







दिवाली की आस है पिवजी मनडो म्हारो हताश है
क्यु गया पिवजी परदेश अठै गोरी थारी उदास है
आवोगा थ्हे दिवाली न पिवजी औ म्हाने विश्वास है
उडिकै गोरी थ्हाने जब तक म्हारा सांस है....



याद करते है आपको तन्हाई मे
दिल डुबा है आपकी यादो की गहराई मे
मुझे मत ढुंढो दुनिया की भीड मे
हम तो मिंलेगे आपको तुम्हारी ही परछाई मे

.

उदासियों से पहचान लेना
वही मेरा घर है जान लेना
ग़र कभी शक ओ शुबह हो
बेशक़ मेरा इम्तहान लेना
है रात बिस्तर बिछा गयी
चादर ग़म की तान लेना
जिस दिन भरोसा हो जाए
मुझको अपना मान लेना


होते है फूल यारा खुशबु के लिये
पर लोग सजावट का सामान समझ लेते है
होते है हुस्न वाले प्यार की मूरत
पर हम उन्हे इस्तेमाल का सामान समझ लेते है
दिल मे प्यार की हसरत भरकर देख यारा
कैसे हुस्न वाले आपको अपना समझ लेते है...



मेरी आँखों में मोहब्बत की चमक आज भी है
करता हूँ प्यार बहुत में उनसे पर उन्हें शक आज भी है
मेरी जिन्दगी में आने का वादा किया था उसने नहीं आये वो
पर मेरी जिन्दगी को उनका इंतजार आज भी है
पहन कर वो पायल चलती थी वो इस कदर
उनकी पायल की वो छनक मेरे कानो में आज भी है
कुछ सपने कुछ आरजू थी मेरी
माँ की आँखों में उन पथराई हुई आँखों को में उम्मीद की एक किरण आज भी है
दिल तो मेरा बहुत करता है रोने को पर डरता हूँ कहीं
आंसुओ में ना धुल जाये उनकी वो तस्वीर जो मेरी आँखों में आज भी है
वो चली गई मुझे कुछ शिकवा तो उनसे आज भी है
कुछ भी कहो यारो मेरे दिल में आज भी उसका ही राज है