Breaking

Saturday, February 17, 2018

Latest हिन्दी शायरी (Hindi Shayari of 2018 )

भीगी पलके थकी निगाहे आज भी उसकी तस्वीर निहारे
कितना तड़पता है दिल उसकी याद में 
जो छोड़ गया बिच मझदार मुझे बिना किसी सहारे


शाम ढलते ही तेरी यादे अँधेरा बन कर घेर लेती है
पता नही तेरी यादे रुलाकर कोनसे जन्म का बदला लेती है

एकबार फिर अजनबी की तरह मिल जावो
एकबार फिर से मेरी जिंदगी में आ जावो
क्या पता ये वक़्त सही हो
उस बुरे वक़्त को एक बार फिर भूल जाओ

 
तुम अच्छी थी य़ा बुरी
मुझे ये तो नहीं मालूम
मगर तुम जो भी थी
मेरे लिये बेहद ज़रुरी थी

मिटाना चाहू तो भी नहीं मिटा सकता उसका नाम अपने दिल से
क्योकि मिटाये वो जाते है जो गलती से लिखे जाते है

मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता
लेकिन इस टूटे दिलको मैं समझा नहीं सकता

उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता

 
दिल के अरमान लफ्जो में बया कर देता हूँ
दुखी मन को थोड़ा हल्का कर लेता हूँ

होली की गुलाल तरह मेरी जिंदगी भी कभी रंगीन थी
कभी तो सोची होती कैसे तेरा रंग उतारेगा मेरी जिंदगी से

हर साँस में बस गई हो हवा का झोंका बनकर
कभी तो सामने आ जाओ कोई साया बनकर

आपकी आवाज से कभी सुबह हुवा करती थी
आपकी जुल्फों में मेरी शाम हुवा करती थी

मै तो आज भी वही हूँ वक़्त गुजरता रहा
आपकी यादें वहीं खडी है रूके रास्तों की तरह
कल से इंतजार कर रहा हूँ आपके मेसेज का हमेशा की तरह

थक कर मुस्कुरा देता हूँ मैं जब रो नहीं पाता
आँसू भी आपकी तरह है बेसब्रे
छलक जाते है इनको भी रोक नही पाता

कुछ उनकी मजबूरियां थी और कुछ मै भी था मजबूर
ना चाहते हुये भी बदकिस्मती से हो गए दोनों दूर

वक़्त बड़ा जुल्मी होता हैं हमतो सिर्फ खिलौने है
कुछदिन खेले जायेंगे फिर रद्दी में फेंके जाने है

खुली आँखों में मूरत बसा रखी है मेरे प्यार की
नींदकी जरूरत ही नही है अब
सोया रहता हूँ यादोमें अपने दिलदार की

कुछ दर्द होना ही चाहिए जिंदगी में
ज़िंदा होने का अनुमान बना रहता है
आपकी यादो के बिना अब दिन अधूरा रहता हैं

माना की दूरियाँ कुछ बढ़ सी गयीं हैं लेकिन
उसके हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है

ख्वाहिश सिर्फ यही है की
जब मैं तुझे याद करु तू मुझे महसूस करे

उजड़ गई बगिया मेरी जिंदगी की तेरे बिन यार
कभी तो आजा सावनकी बदली बनकर
पतझड़ में भी खिल जायेगी बहार

तेरी यादो के सिवाय कुछ नही है लिखने को
तेरी यादे ही तो मजबूर कर देती है
यादो को तेरी लफ्जो में बयां करने को

दिवाली का दिया बनके रोशन न सकी मेरी जिंदगी
कम से कम होली बनके
एक दिन अपने रंग में रंग जावो मेरी जिंदगी

शुक्र है तेरी यादों का जो हर वक़्त साथ रहती हैं
रात के अंधेरे में मेरी परछाई बेवफा हो जाती हैं
लेकिन तेरी याद मेरे साथ हरदम रहती हैं

कैसे सो जाऊ आपकी यादे सोने नहीं देती यारा
डूबना चाहता हूँ आपके ख्वाबो में पर
खुल जाती है आँखे तेरी आहट से

तेरी तरफ हरयाली है मेरी तरफ उजड़ा चमन
फासला कुछ नहीं है लेकिन फर्क बहुत है

No comments: