अमर द्वारा शालिनी से संबंध तोड़ने की बात सुन कर शालिनी के मित्रो और मारिया आंटी ने शालिनी को समझाया –
दरवाज़ा खोलते सामने खड़े राजीव को देख शालिनी बिना कुछ सोचे उसकी फैली बाहों में समा गई.बीस वर्षों का अवसाद क्षण भर में तिरोहित हो गया.
“क्या
उक
अब राजीव की नज़रों में शालिनी का दूसरा ही रूप था.राकेश ने ठीक कहा था,सुन्दरता मन की होती है
दोनों ने यूनीवर्सिटी में एडमीशन ले लिया था.अक्सर मथुरा से आगरा दोनों एक साथ ही जाया करते.अब दोनों के संबंध सहज हो चुके थे. तरह-तरह के विषयों पर दोनों बात करते.एक-दूसरे का साथ अच्छा लगता. अक्सर शालिनी को लगता राजीव की मुग्ध दृष्टि उस पर निबद्ध रहती है,पर उसे उसने अपना भ्रम ही माना .राजीव की मेधा की तुलना में वह अपने को कम पाती थी.
अचानक शालिनी के पापा के एक मित्र ने अमरीका से भारतीय लड़की के साथ विवाह करने के लिए आरहे लड़के अनिल के विषय में सूचना दी थी. अनिल मद्रास आईआईटी से कम्प्यूटर इंजीनियरिंग करके अमरीका की कम्पनी में काम कर रहा था. वैसे तो उसका परिवार हरयाना के गांव का रहने वाला है, पर उनके परिवार के लड़के और लडकियां उच्च शिक्षा प्राप्त हैं.शालिनी के विवाह के लिए उसके पापा लड़के और उसके परिवार से बात कर सकते हैं. वर रूप में अनिल हर प्रकार से योग्य था.घर में खुशी का माहौल छा गया.शीघ्र ही शालिनी के माता-पिता अनिल के माँ-बाप से मिलने उनके गाँव भाड़ावास पहुंचे. सब बातें होने के बाद अनिल और उसका परिवार शालिनी से मिलने आ पहुंचा.
अनिल के विषय में सुन कर राजीव के चेहरे पर छाई उदासी शालिनी नहीं देख सकी.उसकी आँखों में अमरीका के सपने जगमगा रहे थे.
“तू अमरीका के सपने देख रही है, पर तुझ जैसी सीधी-सादी भोली लड़की क्या अमरीकी ज़िंदगी से एडजस्ट कर पाएगी?वहां की फैशनेबल गोरी लड़कियों की रहने की स्टाइल की तो छोड़, तुझे तो ढंग के कपड़ों की भी समझ नहीं है. ये कस के बांधी एक चोटी, सादे सलवार सूट वहां नहीं चलेंगे.”
“क्या हम इतने खराब दीखते हैं, राजीव?”भोलेपन से शालिनी ने पूछा.
“मेरी नजरों में तो तू दुनिया की सबसे अच्छी,सबसे सुन्दर लड़की है,पर डरता हूँ, कहीं अनिल ने वहां किसी और के साथ रिश्ता ना बना लिया हो.ऎसी बहुत सी कहानियां सुनी हैं.”राजीव ने अपनी बात कही.
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